क्वांटम टेक्नोलॉजी पर 8 हजार करोड़ होंगे खर्च, फोन मैन्युफैक्चिंग और आईटी फर्म रहेगा ज्यादा फोकस

गैजेट डेस्क. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार, 1 फरवरी को आम बजट पेश किया। इस बार के बजट में 5G सर्विसेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्टार्टअप, डाटा सिक्योरिटी, क्वांटम कम्प्यूटिंग और टेक्नोलॉजी से जुड़े क्षेत्रों पर खासा जोर दिया गया। इस बजट में शामिल टेक्नोलॉजी से जुड़ी सभी बड़ी बातें बता रहे हैं।

क्वांटम कम्प्यूटिंग : मोदी सरकार अगले 5 सालों में क्वांटम एप्लिकेशन पर 8 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने 27 संभावित क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान के लिए इजरायल के साथ एक समझौता किया है, जिसमें क्वांटम कंप्यूटिंग शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि क्वांटम से संबंधित कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी में कामयाब हुए तब ऐसा करने वाला भारत तीसरा सबसे बड़ा और अग्रणी देश होगा। क्वांटम टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से भी आगे है। कई एक्सपर्ट्स ऐसा मानते है कि भौतिकी के क्वांटम सिद्धांत पर काम करने वाली इस कंप्यूटिंग में अपार संभावनाएं हैं।

बीते साल गूगल ने बताया था कि उसे क्वांटम कम्प्यूटिंग रिसर्च से जुड़े एक एक्सपेरिमेंटल क्वांटम प्रोसेसर डेवलप करने में सफलता मिली थी। इस प्रोसेसर से ऐसे कैल्कुलेशंस कुछ मिनट में सॉल्व हो जाते हैं, जिन्हें सुपर कम्प्यूटर भी हजारों साल में सॉल्व कर पाएगा। गूगल की इस रिसर्च को साइंटिफिक जर्नल नेचर में पब्लिश किया गया है। जिसमें रिसर्चर्स ने लिखा है कि क्वांटम स्पीडअप को रियल वर्ल्ड में हासिल किया जा सकता है और इसके लिए कोई छिपा फिजिक्स सिद्धांत लागू नहीं होता।

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग : सरकार ने इस बजट में साफ किया है कि देश में मोबाइल फोन्स, इलेक्ट्रॉनिक इक्युपमेंट और सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चिंग बड़े स्तर पर होती रहेगी। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में फोन मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री 1,35,000 करोड़ रुपए की हो जाएगी, जो फाइनेंशियल ईयर 2016-17 में 94,000 करोड़ रुपए की थी। इसके, साथ मेडिकल डिवाइसेज बनाने वाली डिक्सन टेक्नोलॉजीज, अंबर एंटरप्राइजेज, सुब्रोस जैसी कंपनियों को फायदा मिलेगा। इसके लिए सरकार द्वारा नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन के लिए 1480 करोड़ रुपए 2020-21 के लिए दिए गए हैं।

टेलीकॉम सेक्टर : सरकार अगले वित्तीय वर्ष में भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड के ऊपर 60 बिलियन (लगभग 6000 करोड़) रुपए खर्च करेगी। भारत नेट देश के हर गांव तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने वाला प्रोग्राम है। ऐसा माना जा रहा है कि इसका फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचएफसीएल लिमिटेड को हो सकता है।

आईटी फर्म : प्राइवेट सेक्टर को डेटा सेंटर बनाने की अनुमति देने की घोषणा के बाद इसका फायदा सभी आईटी फर्म को मिल सकता है। यानी टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा के साथ मिड साइज फर्म जैसे एलटीआई, माइंडट्री, पर्सिस्टेंट और हेक्सावेयर को भी होगा। दूसरी तरफ, इससे अडानी एंटरप्राइजेज को भी फायदा हो सकता है।



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Budget 2020: 8 thousand crores will be spent on quantum technology, phone manufacturing and IT firm will remain more focused


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