नोटबंदी के दौरान तय सीमा से ज्यादा नोट जमा करने वालों को ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम के तहत सरकार देगी राहत

यूटिलिटी डेस्क. जिन लोगों को नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स का नोटिस मिला था वे नई टैक्स एमनेस्टी स्कीम का फायदा उठा सकेंगे। इसकी जानकारी राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने दी है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ‘विवाद से विश्वास’ योजना का ऐलान किया था। इस स्कीम के तहत टैक्सपेयर्स को पेनाल्टी और ब्याज से छुटकारा मिल जाएगा, बशर्ते वे बकाया टैक्स पूरा चुका दें। इस योजना के तहत 31 मार्च 2020 तक कोई भी डिफाल्टर बिना पेनाल्टी आयकर चुका कर विवाद खत्म कर सकता है। यानी 31 मार्च 2020 के बाद लाभ उठाने वाले को कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। योजना केवल 30 जून 2020 तक के लिए है।


8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था
गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 1000 और 500 रुपए के करेंसी नोट का चलन बंद करने का ऐलान किया था। टैक्स अथॅारिटीज ने नोटबंदी के बाद उन लोगों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया जिन्होंने इस कवायद के बाद बैंक में कैश जमा कराते समय उसके सोर्स के बारे में नहीं बताया था। पांडे बताते हैं कि बजट में प्रस्तावित नए पर्सनल टैक्स सिस्टम में इंडिविजुअल्स को उनके स्लैब में बिना छूट और डिडक्शन वाला कम टैक्स रेट का ऑप्शन मुहैया कराया गया है। उन्होंने कहा कि पुरानी सिस्टम में काफी जटिलताएं थी लेकिन नए सिस्टम में यह आसान है।


कई देशों में लागू है इनकम टैक्स का नया विकल्प
राजस्व सचिव ने कहा कि पुरानी व्यवस्था में उन लोगों को बराबरी का मौका नहीं मिल पाता था जिनके पास टैक्स एग्जेम्पशन के लिए पर्याप्त फंड नहीं होता था। हम सबको टैक्स बेनेफिट देने का दावा नहीं कर रहे हैं। दुनिया के कई देशों में ऐसा टैक्स सिस्टम है जिसमें लोगों को आइटम के हिसाब से टैक्स डिडक्शन लेने या फ्लैट डिडक्शन लेने का ऑप्शन मिलता है।



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प्रतीकात्मक फोटो


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