कोरोनावायरस से जंग लड़ने में वेंटिलेटर योद्धा की तरह, एक्सपर्ट ने बताया कैसे काम करती है यह मशीन

हेल्थ डेस्क. दुनियाभर में कोरोनावायरस से जूझ रहे मरीजों की जान बचाने के लिए अधिक से अधिक मैकेनिकल वेंटिलेटर की मांग बढ़ रही है।ये वेंटिलेटर मरीजों की जान बचाने और वायरस से लड़ने के लिए योद्धा की तरह काम कर हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने के लिएकई कार निर्माता कंपनियां इसे बनाने की पेशकश भी कर चुकी हैं। दुनिया के नामचीन एक्सपर्ट ने बताया मैकेनिकल वेंटिलेटर किस तरहवायरस को हराने में मरीजों की मदद कर रहे हैं-

कोरोनावायरस फेफड़ों को जकड़ता है
कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों में सबसे कॉमन लक्षण हैं, सांस लेने में तकलीफ होना। 60 साल से अधिक उम्र के मरीजों में हालत और भीनाजुक हो जाती है। यहां सबसे ज्यादा काम आता है मैकेनिकल वेंटिलेटर। ऑस्ट्रेलिया के ऑस्टन हॉस्पिटल के एनेस्थीसियोलॉजिस्ट प्रो. डेविडस्टोरी के मुताबिक, यह सबसे मुश्किल दौर है, बिना वेंटीलेटर के मरीज मर जाएंगे।वेंटिलेटर एक मशीन है जो सांस लेने में असमर्थ रोगियों की मदद सांस लेने में मददकरती है। इस मशीन की मदद से मरीज के विंडपाइप(श्वासनली) में डली एक ट्यूब के जरिए उसके फेफड़ों तक सांस पहुंचाई जाती है। कोरोना वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है जिससे सांसलेने में परेशानी होती है।

ऐसे काम करता है वेंटिलेटर
वेंटिलेटर पर ले जाने से पहले मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है। दूसरे मामलों में यह आम प्रक्रिया जैसा होता है लेकिन कोरोना संक्रमणकी स्थिति में अधिक सावधानी बरती जाती है क्योंकि ऐसा न होने पर मेडिकल स्टाफ में इंफेक्शन फैलने का खतरा होता है। इस दौरान उनकेशरीर में ऑक्सीजन देने के लिए नली लगाई जाती है। सांस नली को वेंटिलेटर से जोड़ा जाता है और समय-समय पर मेडिकल स्टाफ हवा कालेवल बढ़ाता ताकि ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंच सके।

कब वेंटिलेटर की जरूरत होती है
रॉयल चिल्ड्रेन हॉस्पिटल मेलबर्न के डायरेक्टर प्रो सारथ रंगनाथन के मुताबिक, इटली और स्पेन के आंकड़ों से साफ जाहिर है कि कोरोना केमामले बढ़ेंगे और सबसे ज्यादा रेस्पिरेट्री सपोर्ट यानी सांस लेने में मदद करने वाले चिकित्सीय उपकरणों की जरूरत पड़ेगी। बिना इसके उनकाबच पाना मुश्किल है। आमतौर पर एक सामान्य इंसान एक मिनट में 15 बार सांस लेता है लेकिन अगर वह 28 बार सांस ले रहा है तो उसेवेंटिलेटर की जरूरत है।

गंभीर स्थिति में 30 मिनट में वेंटिलेटर मिलना बेहद जरूरी
डॉ रंगनाथन के मुताबिक, मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत है, यह पता लगने पर उसे तत्काल यह उपलब्ध कराना जरूरी होता है। वेंटिलेटरउपलब्ध होने तक ऑक्सीजन मास्क लगाकर स्थिति संभाली जाती है। गंभीर स्थिति है तो 30 मिनट के अंदर वेंटिलेटर मरीज तक पहुंचनाजरूरी है।



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Coronavirus (COVID-19) | how ventilator helps to fight againgst COVID 19 and sarscov2


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