भोपाल.पिता या पालक की सालाना सैलरी बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री मेधावी योजना के लाभ से वंचित हो रहे छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार राहत देने जा रही है। जिन विद्यार्थियों के पिता अथवा पालक की सालाना आय 6 लाख से अधिक और साढ़े सात लाख रुपए से कम होगी, ऐसे विद्यार्थियों की 75 फीसदी तक फीस राज्य सरकार भर सकती है। वित्त विभाग ने इस पर सहमति दे दी है। स्कीम का दायरा बढ़ने से करीब 45 हजार मेधावियों को फायदा होने के आसार हैं।
आय बढ़ी तो कई अभिभावक बाहर हुए थे
वर्ष 2017-18 में शिवराज सरकार के समय शुरू हुई थी। तब यह प्रावधान किया गया था कि उन्हीं मेधावी विद्यार्थियों की फीस राज्य सरकार भरेगी, जिनके अभिभावकों की सालाना आय 6 लाख या इससे कम हो। लेकिन, दो वर्षों में आय की इस सीमा से कई अभिभावक आगे निकल गए।लिहाजा उनके बच्चों की फीस अटक गई। इसी के बाद तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग ने नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया और उसे मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा।
वित्त विभाग ने इस बिंदू पर सहमति दे दी कि छह लाख से लेकर साढ़े सात लाख तक की आय वालों की सिर्फ 75 फीसदी (यानी 25 फीसदी कम) तक ही फीस राज्य सरकार भरे। वित्त की सहमति के बाद यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए सीएम सचिवालय और कैबिनेट तक जा सकता है।
वर्तमान स्थिति
हर साल इस स्कीम से 30 हजार छात्र जुड़ रहे हैं। अभी इनकी संख्या 90 हजार के करीब है। एक जुलाई 2019 से अब तक तीनों सत्रों के लिए 66 हजार 915 के आवेदन विभाग को मिल चुके हैं। इसमें से 3 हजार 340 विभिन्न स्तरों पर पेंडिंग हैं।
तकनीकी शिक्षा विभाग का ये था प्रस्ताव
1. छह लाख आय सीमा के दायरे को बढ़ाकर साढ़े सात लाख तक किया जाए और पूरी फीस भरी जाए।
2. साढ़े सात लाख से 8 लाख 40 हजार रुपए तक 50 प्रतिशत फीस भरी जाए।
3. यदि आय 8 लाख 40 हजार रुपए से भी अधिक हो तो फीस न दी जाए।
ये हैं मेधावी योजना की अहम शर्तें
- मप्र का मूल निवासी हो।
- माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधीन 12वीं कक्षा 70 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों के साथ पास की हो।
- सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत 12वीं परीक्षा 85 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों से पास हो।
- पिता-पालक की अधिकतम आय 6 लाख से अधिक न हो।
- आईआईटी-जेईई मेंस में रैंक डेढ़ लाख के अंदर हो। सरकारी काॅलेज में प्रवेश लेेने पर पूरी फीस और निजी काॅलेज या अनुदान प्राप्त कालेज में प्रवेश लेने पर डेढ़ लाख रुपए या जो वास्तविक फीस हो, दी जाएगी।
- मेडिकल के लिए नीट के माध्यम से एमबीबीएस या बीडीएस में प्रवेश लेने पर फीस दी जाएगी। इसके अतिरिक्त भारतीय शिक्षण संस्थान के द्वारा आयोजित मेडिकल परीक्षा में प्रवेश लेने पर फीस दी जाएगी।
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