नमक-रेड मीट कम करें, धूम्रपान-शराब को ना कहें, समय पर जांच कराएं तो कैंसर से बच सकते हैं : कैंसर एक्सपर्ट्स

हेल्थ डेस्क. इंडियन कैंसर सोसाइटी के अनुसार भारत में अगले 10 सालों में करीब डेढ़ करोड़ लोगों को कैंसर हो सकता है। इनमें से 50 फीसदी में कैंसर लाइलाज होगा। यानी अगले दशक में कैंसर हमारे देश में बड़ी समस्या के रूप में सामने आ सकता है। लेकिन हम छोटे-छोटे कदम उठाकर कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। कैंसर गाइड में जानिए एक्सपर्ट से समझिएइससे कैसे बचें और शरीर में कौन सा बदलाव दिखने पर अलर्ट हो जाएं....

ये 8 छोटे कदम कैंसर के ख़तरे को कम करेंगे

  • नमक कम करें : कैंसर काउंसिल की रिसर्च और ऐसे ही कई अनुसंधानों में पाया गया है कि ज्यादा मात्रा में नमक के सेवन से अमाशय और आहार नली का कैंसर होने की आशंका 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। प्रोसेस्ड फूड जैसे अचार, सॉस, नमकीन इत्यादि में नमक की मात्रा ज्यादा होती है। इन्हें अवॉइड करें। रोज की डाइट में नमक की मात्रा 5 ग्राम यानी एक टी स्पून से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • सुबह की धूप खाएं : इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च के शोध के अनुसार विटामिन डी शरीर में कैंसर से बचाव में मददगार होता है। इसके लिए सुबह आधे घंटे की धूप खाना बेहतर उपाय है। इससे ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, कोलोन सहित कई तरह के कैंसर से बचाव होता है। हालांकि धूप के ज्यादा संपर्क से त्वचा कैंसर की आशंका हो सकती है। सुबह 11 से शाम 4 बजे के बीच ज्यादा धूप में न रहें।
  • प्लास्टिक में खाना न खाएं : प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल कैंसर का भी कारण बन सकता है, खासकर प्लास्टिक की पॉलिथीन में रखी गरम चीज खाने या पीने से कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। विभिन्न रिसर्च के अनुसार प्लास्टिक में बिस्फिनॉल ए (बीपीए) नामक केमिकल होता है जो कोशिकाओं की संरचना में बदलाव कर कैंसर की आशंका बढ़ा देता है।
  • रेड मीट का सेवन कम करें : रेड मीट जैसे मटन व बीफ और प्रोसेस्ड मीट के सेवन से बोवेल (कोलोन) कैंसर की आशंका बढ़ती है। कई रिसर्च में यह साबित हाे चुका है कि प्रोसेस्ड मीट के अत्यधिक सेवन से अमाशय के कैंसर की आशंका में भी बढ़ोतरी होती है। इसलिए प्रोसेस्ड मीट (जैसे बेकन और सॉसेज़) का सेवन करने से बचें या कम से कम करना चाहिए।
  • वजन को नियंत्रित रखें : बढ़ता वजन केवल डायबिटीज़ या दिल की बीमारियों के लिए ही जिम्मेदार नहीं है। इंडियन कैंसर सोसाइटी के अनुसार मोटापे से ब्रेस्ट, पेनक्रियाटिक, गाल ब्लैडर, आहार नली का कैंसर होने की आशंका अधिक होती है। इसलिए अपने रुटीन में रोजाना सुबह या शाम आधे घंटे की वॉक और हफ्ते में कम से कम पांच दिन 30 मिनट की कसरत शामिल करें।
  • धूम्रपान-शराब को ना कहें : धूम्रपान के कारण फेफड़ों, मुंह, ब्लैडर, किडनी, सर्विक्स, आहार नली और गले के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। यह आशंका केवल धूम्रपान करने वालों में ही नहीं, उनके परिवार के सदस्यों में भी होती है। अगर धूम्रपान के साथ शराब भी पीते हैं तो कैंसर की आशंका दोगुनी हो जाती है। इसलिए धूम्रपान, तंबाकू और शराब को आज से ही छोड़ना बेहतर है।
  • पर्याप्त नींद लें : नींद और कैंसर का सीधा संबंध है। दिनभर की थकान के बाद एक वयस्क व्यक्ति के लिए कम से कम सात घंटे (अधिकतम 8 घंटे) की नींद लेना जरूरी है। पर्याप्त नींद हमारे शरीर को न केवल अगले दिन के लिए तैयार करती है, बल्कि यह तरह-तरह के संक्रमणों और फ्री रेडिकल्स से भी लड़ने में मदद करती है जो कैंसर का एक प्रमुख कारक है।
  • कैंसर स्क्रीनिंग करवाएं : कैंसर के थोड़े से लक्षण नजर आने पर स्क्रीनिंग (जांच) करवाने में हिककिचाए नहीं। वक्त रहते कैंसर के पकड़ में आने पर इसका उपचार संभव है। आमतौर पर ब्रेस्ट, सर्वाइकल, प्रोस्टेट, मुंह और बड़ी आंत के कैंसर के मामले ज्यादा आते हैं। इनकी जांच की सुविधा छोटे शहरों में भी उपलब्ध है। ये जांचें न केवल आसान हैं, बल्कि बहुत महंगी भी नहीं होतीं।

शरीर में इन बदलाव पर नजर रखें और डॉक्टरी सलाह लें

मुंह में छाले होना, बहुत दिनों तक खांसी आना, शरीर में गठान का होना या बेवजह खून आना, ये आम किस्म के कैंसर के लक्षण होते हैं। हालांकि जरूरी नहीं है कि ये अथवा नीचे दिए जा रहे लक्षण हमेशा कैंसर के ही हों। लेकिन सतर्क रहना ज़रूरी है ताकि हम कैंसर से आगे रह सकें।

  • पेशाब में कठिनाई : यदि अचानक तेज पेशाब का अनुभव होता है, रात को बार-बार पेशाब जाना पड़ता है, पेशाब रुक-रुक कर या धीमी गति से निकलती है, पेशाब के दौरान जलन आदि जैसी समस्याओं का अनुभव होता है, तो यह प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है।
  • पेशाब या मल के साथ खून आना : आमतौर पर यदि लगातार कई दिनों से मल के साथ खून आ रहा है, तो पाइल्स की समस्या हो सकती है, लेकिन यह कोलन कैंसर का संकेत भी हो सकता है। पेशाब में खून की समस्या पित्त या किडनी के कैंसर की ओर भी इशारा करती है।
  • त्वचा में बदलाव : कई बार त्वचा पर अजीब दिखने वाले चकत्ते पड़ने लगते हैं, जिसमें पीड़ित व्यक्ति को खुजली का अनुभव भी हो सकता है। कई बार चलते-फिरते चोट लगने के कारण चोट वाली जगह का रंग बदल जाता है। यदि कई हफ्तों के बाद भी त्वचा का रंग सामान्य नहीं हो पा रहा है, तो यह त्वचा के कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
  • अंडकोष में परिवर्तन : अंडकोष में सूजन, गांठ, भारीपन आदि किसी भी प्रकार का बदलाव टेस्टिकुलर कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। यह कैंसर एक रात में विकसित हो सकता है, इसलिए अंडकोष में दिखने वाले किसी भी प्रकार के परिवर्तन को बिल्कुल अनदेखा न करें।
  • बेवजह वजन कम होना : यदि बिना किसी वजह के वजन बहुत तेजी से कम हो रहा है, तो यह चिंता की बात है। आमतौर पर थायरॉइड की समस्या (हाइपर थायरॉइड) में वजन अचानक कम होता है। लेकिन कई बार यह पैन्क्रियाटिक कैंसर का भी लक्षण हो सकता है।
  • निगलने में कठिनाई : गले में खराश, संक्रमण, टॉन्सिल्स जैसी समस्याओं के चलते हमें निगलने में कठिनाई होती है, लेकिन अगर बिना किसी स्पष्ट कारण के काफी समय से यह समस्या हो रही है या खाते ही उल्टी हो जाती है, तो यह पेट के कैंसर की ओर इशारा करता है।
  • ब्रेस्ट में बदलाव : यदि ब्रेस्ट में सूजन, गांठ, बगल में गठान, बिना स्तनपान के निप्पल डिस्चार्ज होना, त्वचा में सिकुड़न, त्वचा का रंग हल्का लाल या नारंगी होना, गंभीर खुजली होना, निप्पल के आसपास की त्वचा का ढीला पड़ना आदि जैसी समस्याएं नजर आ रही हैं, तो तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हो सकता है।
  • सूजन होना : महिलाओं में सूजन आम समस्या है, लेकिन कुछ हफ्तों के बाद भी सूजन कम नहीं हो रही है, तो यह किसी गंभीर कैंसर का कारण बन सकती है, जिसमें आंत, ओवरियन, पैन्क्रियाटिक, यूटरस, गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल आदि कैंसर शामिल हैं।
  • महीने में दो बार पीरियड्स होना : सामान्य तौर पर महिलाओं का मासिक धर्म 25 से 28 दिनों के अंतराल के आधार पर चलता है। लेकिन कई ऐसी भी महिलाएं होती हैं, जिन्हें महीने में एक से ज्यादा बार पीरियड्स होते हैं। कई महिलाओं में पीरियड्स खत्म होने के बाद भी रक्तस्राव होता है। हालांकि, अक्सर इस समस्या की वजह अलग और सामान्य हो सकती है, लेकिन कई बार यह समस्या कैंसर का संकेत भी हो सकती है। इसे नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।

एक्सपर्ट पैनल

डॉ. शौएब ज़ैदी
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
इन्द्रप्रस्थ अपोलो, नई दिल्ली
डॉ. कंचन कौर
डायरेक्टर, कैंसर इंस्टीट्यूट, मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम
डॉ. विकास गोस्वामी
सीनियर कंसल्टेंट,
मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ग्रुप नई दिल्ली
डॉ. चारु गर्ग
गायनिकऑन्कोलॉजिस्ट,मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ग्रुप नई दिल्ली
डॉ. शिखा शर्मा
डाइट एंड वेलनेस एक्सपर्ट


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source https://www.bhaskar.com/happylife/healthy-life/news/world-cancer-day-2020-theme-cancer-symptoms-cancer-test-cancer-diet-cancer-center-in-india-habit-to-stay-away-from-cancer-126656380.html

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